पत्थर की मूरत बोल पड़ी क्या मुझे मनाने आया है लिरिक्स
पत्थर की मूरत बोल पड़ी क्या मुझे मनाने आया है लिरिक्स पत्थर की मूरत बोल पड़ी क्या मुझे मनाने आया है,तेरे घर में जननी तड़प रही, क्या तुझे तरस नहीं आया है,पत्थर की, मूरत बोल पड़ी… घर में तेरी, मईया भूखी है, क्या उस से, भोजन की पूछी,मुझे भोग, लगाने को बेटा, यह छप्पन, भोग … Read more