
मन चल वृन्दावन चलिए लिरिक्स
मन चल वृन्दावन चलिए,
जित्थे रहंदे सांवल शाह,
जित्थे रहंदे ने बेपरवाह…
जित्थे यमुना पई ठाठा मारदी,
मन तू वी जाके गोता ला…
जित्थे रिश्ते ना नाते ना अपने,
जित्थे ना कोई धूप है ना छा है,
जित्थे ना कोई बहन भरा…
जित्थे निन्देया ना चुगली ना उस्तत्ति,
जित्थे प्रेम दा वगे दरेआ…
जित्थे गोपी ग्वाल पाए झुमदे,
मेरे मन नू वी चडिया चा…
जित्थे मस्त मलंग पए झुमदे,
तू वी राधे राधे गा…
वृन्दावन सो वन नहीं, नंदगावं सम गावं,
वन्सिवत सम वट नहीं, कृष्ण नाम सम नाम,
गीत रसीले श्याम के मेरे जीवन के आधार,
छोड़ जगत झंझाल सभी कर मोहन सो प्यार…
कर मोहन सो प्यार, सुधार ले मानस सही,
तेरो लाभ येही है जगत में भज ले परम सनेही,
मात पिता बंधू सज्जन सब स्वार्थ के मीत,
तू हिय में मस्ती भर कर प्यारे, गा मोहन के गीत…
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन रहिये,
श्री राधा कृष्ण राधा कृष्ण राधा कृष्ण कहिए…
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