हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले लिरिक्स

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हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले लिरिक्स (He Pawan Putra Hanuman Ram Ke Bhakt Nirale Lyrics)

हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले लिरिक्स

हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले,
संकट मोचन हनुमान विपत्ती हरने वाले,
राम के भक्त निराले…

उगते सूरज को फल समझा,
उड़ गए और मुंह में रखा,
देवों की विनय सुन रवि को मुक्ति देने वाले,
राम के भक्त निराले…

बजरंगी बल के सागर हो,
तुम ज्ञान बुद्धि के आगर हो,
लंका जाकर सीता जी की सुधि लाने वाले,
राम के भक्त निराले…

जब शक्ति बाण लगा लक्ष्मण के,
और शेष थे कुछ पल जीवन के,
लाके संजीवनी उनके प्राण बचाने वाले,
राम के भक्त निराले…

सीता जी ने मणि माला दी,
हर दाने को फोड़ के बिखरा दी,
निज हृदय चीर कर सीताराम दिखाने वाले,
राम के भक्त निराले…

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