आरती हनुमत प्यारे की लिरिक्स
आरती हनुमत प्यारे की लिरिक्स आरती हनुमत प्यारे की,पवन सुत राम दुलारे की… आरती हनुमत प्यारे की,पवन सुत राम दुलारे की… आप प्रभु स्वयं रुद्रअवतार,राम की सेवा सरस विचार,प्रगट भए सेवक कपि तनुधार… हे अंजना मार…केसरी तार …हरस बली जार,कियती कपि कुल उजियारे कि…. पावन सुत… सुहावन चंचल बरन शरीर,बिराजत ह्रदय सिया रघुवीर,दिखाए छातीचीर महावीर… … Read more